आशिकी

की तेरी आशिकी मेरी आशिकी से
यूं लड़ रही है
की तेरे चेहरे की रोशनी
मेरे चेहरे पे पड़ रही है
और ये हवाओं का जोर नहीं
जो मेरी धड़कने तेज कर रहा है
ये तो तेरे जिस्म की खुशबू है
जो मेरे जिस्म में महक रही है

Written by Gulshan Chamoli

 

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